मध्य प्रदेश की तरह उत्तराखंड में भी अंग्रेजी के साथ हिंदी में मेडिकल पढ़ाई होगी। डॉ. रावत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
2023-24 से प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई भी हिंदी में होगी। इससे हिंदी भाषा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को मेडिकल पढ़ाना आसान होगा।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात की, जिसमें उन्हें हिंदी पाठ्यक्रम की शुरुआत करने का आमंत्रण दिया गया था। उसने एम्स सेटेलाइट सेंटर को ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा में भूमि पूजन करने का भी अनुरोध किया।
डॉ. रावत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट सेंटर ऊधमसिंह नगर जिले के किच्छा में बनाया जाएगा, उन्होंने बताया। इस सेंटर की स्थापना से कुमाऊं मंडल के लोगों को एम्स की तरह स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाएंगी। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 2023-24 से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी और अंग्रेजी में होगी।
विशेष समिति का गठन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एम्स सेटेलाइट सेंटर का उद्घाटन करने और हिंदी मीडियम में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आमंत्रित किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए शीघ्र उत्तराखंड आने का वादा किया। डॉ. रावत ने बताया कि उत्तराखंड में भी अंग्रेजी के अलावा हिंदी में मेडिकल पढ़ाई होगी।
बताया गया है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसके लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं। विभाग ने हिंदी में मेडिकल पाठ्यक्रम बनाने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक विशेष समिति बनाई।
इस समिति ने एमबीबीएस में हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर राज्य के मेडिकल कॉलेजों के लिए हिंदी पाठ्यक्रम बनाया है और इसे हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को सौंप दिया है। University of Virginia ने भी हिंदी मीडियम पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।