तिलोथ में कूड़ा छंटाई का विरोध करने वाले ग्रामीणों ने बैठक की, जल्द ही डीएम से मिलेंगे
शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का विरोध किया
उत्तरकाशी। तिलोथ में कूड़ा छंटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने शुक्रवार को एक बैठक कर संघर्ष समिति बनाई, जिसका अध्यक्ष एलम सिंह पंवार बनाया गया था।
इस दौरान डीएम से वार्ता करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल बनाया गया। यह कहा गया था कि पहले परियोजना के लिए भूमि दी गई थी, और कूड़ा डंपिंग जोन पहले से ही यहां था. अब वे भूमि को दूसरे डंपिंग क्षेत्र के लिए नहीं देंगे। ग्रामीणों ने शाम तक बैठक जारी रखी, लेकिन प्रशासन को कूड़ा छंटाई के लिए छह महीने का समय देने पर आम सहमति नहीं मिली।
धारा 144 स्थान पर कूड़ा सेग्रीगेशन मशीन (कूड़ा अलग करने की मशीन) पर लागू हो चुकी है। इसके लिए यहां पांच से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं हो सकते। नतीजतन, शुक्रवार को तिलोथ ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 200 मीटर दूर नाग देवता मंदिर के प्रांगण में एकत्रित हुए और बृहस्पतिवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करने की पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। क्षेत्र के जयप्रकाश गैरोला ने बताया कि तिलोथ गांव ने मनेरी भाली परियोजना के प्रथम चरण के पॉवर हाउस निर्माण के लिए अपनी जमीन दी।
कुटेटी सड़क के पास पहले से ही कूड़ा डंपिंग क्षेत्र बना हुआ है। अब क्षेत्रवासियों को कूड़ा डंपिंग के लिए बाहर जगह नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री चंदन सिंह पंवार ने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीण हर फैसले में उनके साथ खड़े हैं। उस समय संघर्ष समिति का गठन हुआ, जिसमें एलम सिंह पंवार को अध्यक्ष, गिरीश उनियाल को सचिव, दिनेश उनियाल को उपाध्यक्ष, अनिता राणा को कोषाध्यक्ष और चंदन सिंह पंवार को संरक्षक चुना गया। वहीं सुनीला गुसाईं, आदित्य चौहान, बीना भट्ट, विकास नौटियाल और अजय नौटियाल को मनोनीत सदस्यों के रूप में नामांकित किया गया।
शाम तक, प्रशासन को कूड़ा छंटाई के लिए 60 दिन का समय देने के बारे में कोई समझौता नहीं हुआ। ग्रामीणों ने संघर्ष समिति के साथ डीएम से बातचीत करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल मंडल बनाया। संघर्ष समिति के पदों पर नियुक्ति के लिए भी काफी सम्मान प्राप्त हुआ और पदाधिकारी चुने गए। सभासदों में गोविंद गुसाईं, खुशाल सिंह बिष्ट और ओमप्रकाश भट्ट शामिल थे।