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Friday, October 25, 2024

विश्व चित्रकला दिवस: जब बाघ का चित्र बनाना एक सपना था। तब जानें जंगल के राजा ने सेल्फी कैसे लिया

विश्व चित्रकला दिवस: हर बाघ पर अलग-अलग धारी होती है, जो आगे की खोज के लिए एक मार्ग बनाती है। इस तकनीक से स्लोथ बियर, पैंगोलिन और तेंदुआ भी चित्रित किए गए।

एक वन अधिकारी ने एक सदी पहले जंगल में एक बाघ की तस्वीर खिंचवाने के लिए जंगल के राजा से ही सफलता मिली। उसने बाघ की गतिविधियों वाले क्षेत्र में कैमरे को वायर से ऐसे जोड़ा कि बाघ के पैर वायर पर रखते ही उसकी तस्वीर खिंच गई।

फ्लैश की तरह रोशनी भी दी गई थी। Фреडरिक वाल्टर चैंपियन ने इस तकनीक का उपयोग करके जंगलों की तस्वीरों को खींचकर वन्यजीवों के संरक्षण और अध्ययन का रास्ता साफ किया। फ्रैडरिक वाल्टर, जो पहले सैन्य सेवा में था, चैंपियन फॉरेस्ट सर्विस में शामिल हुआ। वह भी हल्द्वानी और कालागढ़ वन प्रभागों के डीएफओ रहे।

ट्रिप वायर तकनीक का उपयोग हुआ

कुंदन कुमार, वन अनुसंधान के उप वन संरक्षक, बताते हैं कि 1920 से 1930 के बीच चैंपियन ने ट्रिप वायर तकनीक का उपयोग करके पहली बार वासस्थल पर बाघ का चित्र लिया था। उनकी ट्रिप वायर तकनीक मौजूदा कैमरा ट्रैप (जिसमें मेमोरी कार्ड और सेंसर बैटरी शामिल हैं) की तरह है, जो इंसानी की उपस्थिति के बिना चित्र खींच सकती है। वाल्टर ने इस तकनीक से बहुत सारे चित्र बनाए। यह पहली बार था जब बाघ को उसके वासस्थान पर चित्रित किया गया था।

यह भी पता चला कि हर बाघ पर एक अलग-अलग धारी होती है, जिससे अधिक अध्ययन की राह खुली। इस तकनीक से स्लोथ बियर, पैंगोलिन और तेंदुआ भी चित्रित किए गए। वन अधिकारियों ने बताया कि उस दौर में कालागढ़ वन प्रभाग के रेस्ट हाउस में चित्र बनाने की एक लैब भी होती थी।

चैंपियन ने भी कई लेख लिखे हैं।

एफडब्ल्यू चैंपियन ने भी कई लेख लिखे हैं। The Wild Camera in Tiger Land और The Forest in Sunlight and Shadow भी हैं। चैंपियन ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए बहुत कुछ किया था। वे 1935 में हेली नेशनल पार्क का संस्थापक थे। वनाधिकारियों ने कहा कि चैंपियन ने जिम कॉर्बेट पर काफी असर डाला था। उस समय चैंपियन भी हैली नेशनल पार्क (अब कार्बेट नेशनल पार्क) का संस्थापक था।

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