जूट बैग उत्पादन से महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
जो महिलाएं स्वयं सहायता संगठनों की सदस्य थीं, उन्हें GRASS (ग्रामीण समाज कल्याण समिति) द्वारा आयोजित 15-दिवसीय लघु उद्यमिता विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में जूट बैग बनाने की तकनीक सिखाई गई थी। कार्यक्रम अल्मोडा स्थित सरस्वती बाल विद्या निकेतन खत्याड़ी में आयोजित किया गया।
गुरुवार को हुए कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने कुमाऊंनी ऐंपण बनाना सीखा। नाबार्ड के जिला विकास प्रभारी गिरीश चंद्र पंत का मानना है कि महिलाएं स्वरोजगार के माध्यम से अधिक आत्मनिर्भर बन सकती हैं। महिलाओं की क्षमताओं को बढ़ाना वित्तीय संस्थानों, नाबार्ड और जमीनी स्तर के संगठनों के लिए प्राथमिकता होगी। ग्रास के अध्यक्ष गोपाल सिंह चौहान ने सभी लोगों को धन्यवाद प्रेषित किया है। इस दौरान महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। वहां प्रशिक्षक मुन्नी बोरा, निदेशक भूपेन्द्र चौहान, हरीश पाठक, प्रभा कनवाल, कमला भंडारी, गीता जीना, जानकी चौहान समेत कई लोग थे। विचारों का टकराव
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