11.2 C
Dehradun
Monday, December 23, 2024

Rizikkesh Aiims: देश का पहला संस्थान बन गया, जिसने पहाड़ी क्षेत्रों में नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू की

अब आपात स्थिति में दूरस्थ स्थानों पर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाना व्यर्थ हो जाएगा। AIMS ने नियमित ड्रोन सेवा शुरू की है। अब एम्स ऋषिकेश मेडिकल ड्रोन सेवा देश का पहला नियमित चिकित्सा संस्थान है।

उत्तराखंड के पहाड़ी दूरस्थ इलाकों में आपातकालीन स्थिति में गंभीर बीमारी की दवाएं या दुर्घटना में गंभीर घायलों को ब्लड कंपोनेंट मिनटों में मिल सकेगा। एम्स ऋषिकेश ने फरवरी से नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू की है। AIMS से ड्रोन दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाएगा।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ड्रोन गंभीर बीमारियों की दवाइयों और ब्लड या ब्लड कंपोनेंट ले जाएगा। AIMS की यह सेवा राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ जाएगी। CHC चंबा ने अभी ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू की है, जैसा कि डा. जितेंद्र गैरोला ने बताया। चंबा के लिए ड्रोन ने तीन उड़ानें की हैं। बताया गया है कि इन तीनों उड़ानों में दवा दी गई है। AIMS प्रशासन ने नियमित ड्रोन सेवा शुरू करने से पहले चार बार परीक्षण किया था।

टिहरी, चंबा, हिंडोलाखाल, यमकेश्वर के लिए पाथ तैयार
डाॅ. गैरोला ने बताया, मेडिकल ड्रोन सेवा के लिए टिहरी, चंबा, हिंडोलाखाल और यमकेश्वर के लिए मैपिंग हो चुकी है। इन स्थानों के लिए पाथ तैयार कर लिया गया है। अन्य स्थानों के लिए भी पाथ तैयार किया जा रहा है। यह सेवा अभी शुरुआती दौर में हैं।

नमो ड्रोन दीदी निभाएंगी अहम भूमिका
इस सेवा में महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की भूमिका भी अहम होगी। एम्स से जिस पहाड़ी स्वास्थ्य केंद्र में ड्रोन से दवाइयां आदि भेजी जाएंगी, वहां ड्रोन से सामग्री उतारना या इस पर सामग्री चढ़ाने का कार्य महिलाएं करेंगी। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार और एनएचएसआरसी की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है। भविष्य में यही महिलाएं ड्रोन भी उड़ाएंगी। इन महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी का नाम दिया गया है।

एम्स से नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू हो गई है। नियमित ड्रोन मेडिकल सेवा शुरू करने वाला एम्स ऋषिकेश देश का पहला चिकित्सा संस्थान बन गया है। इससे दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों के लिए तत्काल दवाइयां और ब्लड कंपोनेंट आदि भेजे जाएंगे।
– प्रो. (डाॅ.) मीनू सिंह, निदेशक, एम्स ऋषिकेश

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles