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Saturday, September 23, 2023

एक करोड़ रुपये का एक पुस्तकालय सैकड़ों किताबों की जिंदगी नहीं संजो सका।

एक अल्मोड़ा विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए जिला पुस्तकालय में बहुत सारी किताबें हैं। एक करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया जिला पुस्तकालय भवन में किताबों को रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इसलिए, जिला पुस्तकालय की स्थापना के दौरान जीआईसी अल्मोड़ा और स्काउट गाइड कार्यालय में रखी गईं 60,000 से अधिक महत्वपूर्ण पुस्तकें अब तक वहीं पड़ी हैं। कई दशक पुरानी पुस्तकों की सही देखरेख न होने से बहुत से दीमक चट कर रहे हैं और नष्ट होने के कगार पर हैं। जबकि युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

जिला पुस्तकालय को 1960 में नगर के माल रोड पर चौघानपाटा के पास बनाया गया था। इस पुस्तकालय भवन को हाल ही में पुनर्निर्माण किया गया था। नतीजतन, जीआईसी परिसर और स्काउट-गाइड कार्यालय में 60,000 से अधिक पुस्तकें थीं, जो दर्शनशास्त्र, तर्कशास्त्र, प्राचीन इतिहास, सामाजिक विज्ञान, साहित्य, अध्यात्म और राजनीतिशास्त्र जैसे विभिन्न विषयों पर लिखी गई थीं, लेकिन उनका अच्छा रखरखाव नहीं हुआ था।

हालाँकि, इनमें से बहुत सी पुस्तकें आज दीमक का निवाला बन गई हैं। पुस्तकालय भवन बनने के बाद भी इन पुस्तकों को नए भवन में स्थानांतरित करने की कोशिश नहीं की गई है। इनमें से अधिकांश कई दशक पहले प्रकाशित हुए हैं, इसलिए अब इन पुस्तकों को दुर्लभ माना जा रहा है। पुस्तक प्रेमियों का कहना है कि लाखों की मूल्यवान पुस्तकें शीघ्र ही नष्ट हो जाएंगी अगर उन्हें सुरक्षित रखने की उचित व्यवस्था नहीं की गई।

पाठक परेशान हैं क्योंकि पुस्तकालय में पर्याप्त किताबें नहीं हैं

एक अल्मोड़ा पुस्तकालय भवन का करीब एक करोड़ रुपये का पुनर्निर्माण करने से यहां पढ़ने आने वाले युवाओं को बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन युवा पढ़ने वालों को बहुत सी किताबें नहीं मिल रही हैं, जिससे वह परेशान हैं। पुस्तकालय में पहले 70,000 से अधिक किताबें थीं, लेकिन इनमें से 60,000 किताबें जीआईसी अल्मोड़ा और स्काउट-गाइड कार्यालय भवन में होने से अब सिर्फ 10,000 किताबें बची हैं। इसलिए युवा लोगों के पास पर्याप्त पुस्तकें नहीं हैं। विवाद

जीआईसी में पढ़ाई के लिए कमरे

एक अल्मोड़ा जीआईसी प्रबंधन ने कहा कि कक्षाओं का संचालन करने के लिए जगह नहीं है। स्कूल प्रबंधन ने पुस्तकालय के संचालकों से कमरों में रखी गई पुस्तकों को हटाने के लिए कई बार कहा, लेकिन वे जगह नहीं होने का बहाना देते थे। इसलिए पुस्तकों को कोई लाभ नहीं मिलता। विवाद

कोर्ट

किताबों की संख्या अधिक है लेकिन पुस्तकालय में जगह की कमी है। योजना बनाकर पुस्तकों को जल्द ही पुस्तकालय में लाने का प्रयास किया जाएगा। यही कारण है कि अधिकांश पाठकों को इन पुस्तकों से लाभ मिलेगा।

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