उत्तराखंड के टिहरी जिले के जौनपुर की छः जुला पट्टी के कफुलटी गांव में आजादी के 75 साल बाद सड़क पहुंची तो ग्रामीणों की आंखों से आंसू छलक आए। ग्रामीणों ने नाचकर जश्न मनाया। पहली बार बुजुर्गों ने अपने गांव में सड़क देखी। सालों से सड़क सुविधा के अभाव में ग्रामीण मरीजों को आठ किलोमीटर पैदल कंधे पर सड़क तक पहुंचाते थे। सोमवार को जेसीबी कैम्पटी होते हुए कफुलटी गांव पहुंची तो बुजुर्गों और स्थानीय लोगों ने चालक को फूलों से लाद दिया। कफुलटी गांव में 25 घर थे। चार घरों के पलायन करने पर यहां ताले लगे हैं। गांव की आबादी करीब 175 है। गांव के प्रेम सिंह पंवार शर्मा (75) ने बताया कि गांव तक सड़क न पहुंचने के कारण कई परिवार पलायन करने लगे थे।
सालों से सड़क निर्माण की मांग सिरे नहीं चढ़ रही थी। आजादी के इतने साल बाद सोमवार को गांव तक सड़क पहुंचने से आंखों का सपना पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य रेखा डंगवाल के सहयोग से ग्रामीणों का कई दशकों का यह सपना साकार हुआ है। सड़क बनाते हुए जैसे ही मशीन गांव पहुंची तो स्थानीय महिलाओं, बुजुर्गों और युवक-युवतियों ने इसके ड्राइवर और ग्राम प्रधान गोविंद सिंह रौंछेला को फूल मालाओं से लाद दिया। इस दौरान रासा नृत्य के साथ गर्मजोशी से स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। ग्रामीण हुकम सिंह पंवार, विनोद पंवार, जगत पंवार, संजय पंवार,दिनेश डंगवाल, सुमेर बिष्ट, सुनील रौछेला, सौनवीर सिंह ने बताया कि पिछले कई दशकों से सड़क से वंचित रहे इस गांव ने कई दुख दर्द झेले हैं। पूर्व में समाचार पत्रों,टीवी सोशल मीडिया के माध्यम से भी सड़क का मुद्दा उठाया गया था। कई ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पलायन भी कर चुके हैं। अब सड़क सुविधा से पलायन रुक जाएगा। पूर्व जिला पंचायत सदस्य रेखा डंगवाल समेत ग्रामीणों ने धनोल्टी विधायक प्रीतम पंवार, पूर्व विधायक महावीर रांगड़ का आभार प्रकट किया।