उत्तराखंड में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार ने सभी CMO’S को दिए निर्देश, स्वास्थ्य विभाग एलर्ट…..पढ़िए पूरी खबर?
उत्तराखंड में इन दिनों तेजी से आई फ्लू( Eye Flu) फैल रहा है यह एक मौसमी बीमारी होती है आई फ्लू से सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे प्रभावित हो रहे है उत्तराखंड में धीरे-धीरे आई फ्लू के संक्रमित मरीज बढ़ते जा रहे हैं।जिसको देखते हुए सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार ने आई फ्लू की रोकथाम और बचाव के प्रदेश के सभी मुख्य- चिकित्साधिकारियों को सावधानियां बरतने को निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रदेश में सबसे ज्यादा स्कूली छात्र -छात्राओं में आई-फ्लू(कंजक्टिवाइटिस) के मामले सामने आ रहे हैं इनमें सर्वाधिक पहाड़ी जनपद है, जिनमें उत्तरकाशी,पौड़ी,चमोली,रुद्रप्रयाग शामिल है। इसके बावजूद सरकारी- गैरसरकारी स्कूलों में कोई गाईडलाइन जारी नही की गई है। स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों तथा आश्रम-छात्रावासों में कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए संबंधित विभाग को सतर्क रहना होगा।
इस पूरे प्रकरण पर संबधित अधिकारियों से बात करने के लिए फोन किया जाता है,परंतु किसी का फोन नही उठता।
जानिये आई फ्लू के लक्षण
कंजक्टिवाइटिस आंख की आम बीमारी है,जिसे हम आँख आना भी कहते हैं,इस बीमारी में रोगी की आँख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आँसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है।
जानिए आई फ्लू से बचाव
आई फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) होने पर एंटीबायोटिक ड्रॉप जैसे जेंटामिसिन (Gentamicine), सिप्रोफ्लॉक्सिन (Ciprofloxacine), मॉक्सीफ्लॉक्सिन (Moxifloxacin) आई ड्रॉप आँखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है।ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है। अन्यथा गंभीर स्थिति हो सकती है।
यह सावधानी बरतने की है जरूरत
आई-फ्लू (कंजक्टिवाइटिस) संक्रामक बीमारी है जो सम्पर्क से फैलती है। इसलिए मरीज को अपनी आँखों को हाथ न लगाने की सलाह देनी चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आँख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।
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