Uttarakhand प्रदेश: अत्यधिक अवैध कटान पुरोला में कार्रवाई के आदेश जारी
पुरोला तहसील में सांद्रा रेंज, देवता रेंज और कोटिगाड़ रेंज में हुई जांच में बहुत से कैल और देवदार के हरे पेड़ काटे गए हैं।
उत्तराखंड में जंगल काट रहे हैं। चकराता में करीब तीन साल से देवदार और कैल जैसे संरक्षित प्रजाति के हरे पेड़ काटे जा रहे थे, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं था। दैनिक रूप से सैकड़ों स्लीपर बरामद होते हैं, लेकिन वन विभाग पूरे मामले में व्यस्त है। पुरोला में अवैध कटान के मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
पुरोला तहसील में सांद्रा रेंज, देवता रेंज और कोटिगाड़ रेंज में हुई जांच में बहुत से कैल और देवदार के हरे पेड़ काटे गए हैं। अब वन मुख्यालय ने डीएफओ, एसडीओ और वन क्षेत्राधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिख दिया है। साथ ही, वन विकास निगम के आठ से दस कर्मचारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में पुरोला की तुलना में बहुत अधिक अवैध कटान का मामला सामने आया है। यहां देवदार और कैल के लगभग 3800 स्लीपर मिले हैं। तलाशी अभियान अभी चल रहा है। जब मामला सामने आया, वन विभाग ने देवदार के संरक्षित वन क्षेत्र से केवल सात पेड़ों के कटान की पुष्टि की, साथ ही कनासर रेंज के वन दरोगा और एक वनरक्षक को निलंबित कर दिया और रेंजर को कार्यालय से बाहर कर दिया। इसके बाद से चल रहे छापों में अत्यधिक स्लीपर मिलने का क्रम आज तक जारी है।
पुरोला में 108 हरे पेड़ों पर आरी चलाई गई
पुरोला मामले की जांच में पता चला कि वन विकास निगम ने यहां 788 सूखे पेड़ काट दिए, जबकि ठेकेदार ने इनकी आड़ में 108 अतिरिक्त हरे पेड़ काट दिए, जो 14 प्रतिशत अधिक थे। सांद्रा रेंज में 42 वृक्षों में से 21 का अवैध कटान हुआ। वहीं, देवता रेंज में 409 पेड़ों में से 20 का अवैध कटान हुआ। इसके अलावा, कोटीगाड़ रेंज में 337 पेड़ों की आड़ में 67 अवैध पेड़ काट लिए गए।
चकराता में पाए गए 3800 स्लीपर और 550 फट्टे
चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में अभी तक 3800 स्लीपर और 550 फट्टे देवदार और कैल से बरामद हो चुके हैं। खोज अभियान अभी भी जारी है। वर्तमान में, इतनी बड़ी मात्रा में लकड़ी बरामद होने से लगभग 1000 पेड़ों का कटान हो सकता है।
स्लीपर की संख्या और बढ़ सकती है। जुलाई में वरिष्ठ भाजपा नेता रामशरण नौटियाल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया गया एक वीडियो ने पहली बार इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद से खोज अभियान जारी है।
प्रमुख वन संरक्षक को पुरोला के टोंस वन प्रभाग और चकराता की कनासर रेंज में हरे पेड़ों के अवैध कटान पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों ही मामलों में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी नहीं ठहराया जाएगा।
पुरोला मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। किसी भी दोषी को सजा नहीं दी जाएगी। वहीं, चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज के मामले में डीएफओ से एक विस्तृत जांच रिपोर्ट की मांग की गई है। फिलहाल, वहां रिकवरी जारी है।
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