11.7 C
Dehradun
Monday, December 30, 2024

वायु मंडल की वाष्प और भाप से प्रदेश का पहला जलाशय रुद्रपुर में बनेगा

रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी ने कचरे से सीएनजी और सीएनजी से बिजली बनाने के बाद अब वायु से पीने का पानी बनाने की कोशिश करेगी।

रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी, जो राज्य का पहला कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट स्थापित करने वाली है, अब भाप और वायु मंडल की वाष्प से पीने का पानी बनाने का एक प्लांट भी लगा सकती है। प्लांट लगाने के लिए कंपनी के अधिकारी ने रुद्रपुर नगर निगम के मेयर और नगर आयुक्त से चर्चा की है।

रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी ने कचरे से सीएनजी और सीएनजी से बिजली बनाने के बाद अब वायु से पीने का पानी बनाने की कोशिश करेगी। इसके लिए कंपनी ने एरो वाटर प्राइवेट लिमिटेड से सौदा किया है। रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी के निदेशक समीर रेगे और परियोजना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि आधुनिक तकनीक के दौर में अब वाष्प, भाप और नमी से पीने का पानी बनाने वाले प्लांट लगने लगे हैं।

बताया कि इस तकनीक का उपयोग करने से जीवन भर पानी की कोई कमी नहीं होगी। बताया गया कि रुद्रपुर नगर निगम से करोड़ों रुपये की लागत वाले प्लांट को लेकर संपर्क किया गया है। प्लांट को लगाने के लिए अभी मेयर रामपाल और नगर आयुक्त विशाल मिश्रा उच्चाधिकारियों से विचार कर रहे हैं।

भी कल्याणी के लिए एक योजना

कंपनी ने रुद्रपुर की कल्याणी नदी की सफाई और पुनर्निर्माण की भी परियोजना बनाई है। कल्याणी नदी के आसपास ट्रीटमेंट प्लांट लगाने से वह स्वच्छ हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने किसानों को खाद देने की लागत को कम करने के लिए कल्याणी नामक तरल खाद कम्युनिटी टैंक लांच करने की भी योजना बनाई है। शहर में खाद केंद्र बनाए जाएंगे।

50 टन तक गीला कचरा सीबीजी प्लांट में कंप्रेस्ड बायोगैस बना सकता है

रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी के परियोजना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि बिल्ड ऑन ऑपरेट एंड ट्रांसफर तकनीक से कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना की गई है। बताया गया कि परियोजना के पहले चरण में कंप्रेस्ड बायोगैस के साथ सूखा और तरल जैविक खाद का उत्पादन करने की क्षमता है, जो दिन में 20 टन गीले बायोडिग्रेडेबल कचरे का उपयोग करता है। बताया गया कि प्लांट जल्द ही 50 टन गीले कचरे से सीएनजी बनाने की क्षमता रखेगा। बताया कि बायोगैस खाना बनाने और बिजली बनाने के लिए प्रयोग किया जाएगा। वाहनों को परिवहन करने के लिए कंप्रेस्ड बायोगैस का उपयोग किया जाएगा।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,912FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles