साधु हत्या: दोनों संत बहुत हंसी-मजाक कर रहे थे, फिर हत्या क्यों?भयभीत आरोपी ने रोते-रोते कहानी बताई
बदरीनाथ धाम में एक साधु ने दूसरे साधु की हथौड़े से हत्या कर दी। आरोपी ने खुद हत्या की जानकारी देकर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। मामला जमीन के विवाद का था।
बदरीनाथ थाने में दी गई तहरीर में बाबा काली कमली धर्मशाला के मैनेजर पूरण सिंह ने बताया कि दोनों संत कई सालों से बदरीनाथ धाम में रह रहे थे। आरोपी दत्तचैतन धर्मशाला के चौथे कुटिया कमरे में रहते थे, जबकि मृतक बाबा सुनकरा रामदास पांचवें कमरे में रहते थे। दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ रहते थे और बहुत हंसी-मजाक करते थे। घटना से पहले भी दोनों पुरोहित आपस में हंसी मजाक कर रहे थे।
दत्तचैतन मंगलवार को दोपहर में बाबा सुनकरा के कमरे में अकेला दिखाई दिया, जिसमें ताला लगा हुआ था. उसने पूछा कि बाबा कहां है और दोनों सुबह से क्यों नहीं दिखाई दिए। वह भयभीत हो गया और रोने लगा। दत्तचैतन ने पूछने पर बताया कि गुस्से में उसने बाबा सुनकरा के सिर पर हथौड़ा मार दिया, जिससे वह मर गया। अपने कमरे में उसका शव छिपा हुआ है।
मृत्यु के बाद साधु अलकनंदा में नहाने पहुंचा
पुलिस को बताया गया कि हत्या करने के बाद उसने शव को अपनी चारपाई के नीचे रखा था। रात करीब डेढ़ बजे वह अलकनंदा में नहाने पहुंचा, जब धाम में तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोग सो गए थे। वह नहाने के बाद कमरे में फिर आया। पिछले कई वर्षों से दोनों साधु बदरीनाथ धाम में रह रहे थे।

120 संत धाम में रहते हैं
इन दिनों बदरीनाथ धाम में लगभग 120 संत रह रहे हैं। अधिकांश धार्मिक लोग भिक्षावृति करते हैं। बदरीनाथ की मूर्ति पर वे बैठे रहते हैं। कुछ धार्मिक व्यक्ति अपनी कुटिया में रहते हैं। धाम के आसपास बहुत सारे साधुओं की धर्मशालाएं हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट छह महीने तक बंद रहने पर भिक्षावृत्ति करने वाले साधु वापस आते हैं। कुछ धार्मिक लोग शीतकाल में भी धाम में रहते हैं। वे धाम में स्नान करने की अनुमति जोशीमठ तहसील प्रशासन से लेते हैं। पिछले वर्ष 33 साधुओं ने धाम में तपस्या करने की अनुमति मांगी थी, जिसमें से 12 को तहसील प्रशासन ने अनुमति दी थी।
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