श्रीमद्भागवत की शुरुआत कलश यात्रा से हुई
कमेड़ीदेवी/बागेश्वर। भंतोला के गोलू देवता मंदिर में श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह का ज्ञान यज्ञ शुरू हो गया है। महापुराण के शुभारंभ पर महिलाओं ने फेणीनाग से मंदिर तक विशाल कलश यात्रा निकाली।
मंदिर में पूजा-अर्चना कर श्रीमद्भागवत का शुभारंभ श्री सनातन मानव सेवा ट्रस्ट की ओर से हुआ. श्रीमद्भागवत के व्यास आचार्य कौस्तुब आनंद जोशी की देखरेख में हुआ। दोपहर में व्यास जोशी ने श्रीमद्भागवत का महत्व बताया। सनातन धर्म को उन्होंने सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि यह जीवन जीने का सार है। उन्हें पाश्चात्य संस्कृति से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति को अपना रही है। हम लोगों को पाश्चात्य संस्कृति को अंगीकार करना तो दूर उस पर भी विचार नहीं करना चाहिए। 5 अगस्त को महापुराण का समापन होगा। मदद करने में स्थानीय लोग जुटे हुए हैं।
विभांडेश्वर में देवताओं ने पवित्र स्नान किया, आस्था का सैलाब
द्वाराहाट या अल्मोड़ा ध्याडी और धरमगांव में सावन मास में आयोजित बैसी के ग्यारहवें दिन, ग्रामीण अपनी परंपरा के अनुसार देव डांगरों को स्नान कराने के लिए ढोल-नगाड़ों के साथ त्रिवेणी पहुंचे। उन लोगों ने अपने देवता की प्रशंसा की।
ग्रामीणों ने भी इस दौरान पवित्र स्नान किया। विभांडेश्वर मंदिर, दोनों गांवों का संगम, जागर का स्थान था। इस दौरान देवताओं के डांगरों ने प्रकट होकर भक्तों को सुख-समृद्धि की कामना की। ग्रामीणों ने बताया कि 21वें दिन तक बैसी स्थान की धूणी में नियमित जागर होगा।
तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल चौधरी, गिरीश चौधरी, मोहन मठपाल, मुकुल चौधरी और कैलाश लाल साह इस अवसर पर उपस्थित थे।
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