देहरादून। उत्तराखंड में बेरोज़गारी दर 5.3 फ़ीसदी हैं। इन आँकड़ो पर हमारी सरकारों को चिंता करने की आवश्यकता है। एसी स्तिथि में DUE PROCESS की बजाय यहाँ बैकडोर से सरकारी नौकरियाँ मिलतीं हैं। हाँलाकि सरकार में बैठे माननीयों से यह निष्पक्षता की अपेक्षा नही की जा सकती। राज्य में सरकारी नौकरी का सौदा केसे होता आया है प्रदेश का बेरोज़गार युवा इस त्रासदी को अभी तक भूला नही है। नौकरी देने के इस काले धंधे में हाकम सिंह जिन राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में इस पूरे संगठित भर्ती घोटाले को कर रहा था उन्हें पकड़े जाने की जरूरत है, ताकि इस प्रदेश के मेहनती छात्रों को उनकी मेहनत का फल मिल सके। इन भर्ती घोटालों में कई बड़े चेहरों का नाम सामने आया है और सभी बड़ी बेशर्मी के साथ अपने गुनाहों को स्वीकार भी कर रहे हैं। बावजूद इसके न ही उन पर कोई कार्यवाही हो रही है और न ही उन्हें पार्टी से निकाला जा रहा है और न ही सरकार के पदों से। ताकि भविष्य में इस तरह के घोटाले सामने ना आए।
अब विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामले में खुद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी पर बड़े सवाल उठने लगे हैं। खंडूरी पर सवाल है कि उन्होंने उच्च न्यायालय नैनीताल में रिट पिटिसन में उल्लेख किया है कि 2001 से 2021 तक विधानसभा में भर्ती की गयी है वह पूरी तरह से अवेध है भाई-भतीजावाद से ओतप्रोत है। अब सवाल उठना बनता था कि जब आप न्यायालय में बता चुके हो कि वर्ष 2001 से 2021 तक विधानसभा में अवेध भर्ती हुई है तो फिर 2016 में ही नियुक्त लोग क्यों हटाये गए। विसा से हटाए गए अपर निजी सचिव कपिल सिंह धोनी से जब हमने इस प्रकरण पर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि 2001 से 2013 तक 160 कर्मचारियों-अधिकारियों को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने उसी कलम से नियमित किया था, जिस कलम से वर्ष 2016 में हमें तदर्थ नियुक्ति मिली थी। अब जब विधानसभा में बैकडोर भर्ती से 2001 से 2021 तक सभी को समान प्रक्रिय से नियुक्ति मिली है तो एसा क्यों हो रहा है किसी को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है तो किसी को बचाया जा रहा है। अब आप ही देख लो मंत्री संतरी पूर्व मुख्यमंत्री के लोग अभी भी बने हुए हैं। हम लोगों ने बैंक से लोन लिया हुआ है। अब केसे लोन चुकाना है…आप समझ सकते हैं, हम लोगों पर दोहरी मार पड़ी है।
उत्तराखंड में विधानसभा की नींव पड़ते ही बैकडोर भर्ती का खेल शुरू हुआ था। अभी तक रहे विधानसभा अध्यक्ष स्व. प्रकाश पंत,यशपाल आर्य, हरवंश कपूर,गोविंद सिंह कुंजवाल,प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में बैकडोर भर्तियाँ हुईं।
जिलेवार बेरोजगारों की संख्या
जिला बेरोजगारों की संख्या
अल्मोड़ा 69341
नैनीताल 75856
पिथौरागढ़ 51535
बागेश्वर 29910
चम्पावत 25894
देहरादून 102679
टिहरी 80486
उत्तरकाशी 55445
हरिद्वार 102241
पौड़ी 70388
चमोली 52890
रुद्रप्रयाग 35076
ऊधम सिंह नगर 87956
नोट : आंकड़े सेवायोजन विभाग से लिए गए हैं।