हरीश थपलियाल, देहरादून। बुधवार रात साड़े 8 बजे उत्तराखंड शासन का एक तुगलकी आदेश वायरल हुआ कि अब श्री कृष्ण जन्माष्टमी का अवकाश 18 अगस्त की बजाय 19 अगस्त को किया जाएगा। आदेश को गौर से देखें तो यह उत्तर प्रदेश शासन से कॉपी पेस्ट लगता है और पत्रांक भी 2016 का पड़ा है। इससे जहां एक तरफ शिक्षक समाज में अफरा-तफरी मची कि अब पुनः, 19 अगस्त 2022 के लिए परिवर्तित अवकाश को बच्चों तक पुनः कैसे पहुंचाया जाए और फिर रात बारह बजे तक 18 अगस्त के पूर्व घोषित अवकाश में जन्माष्टमी मनाने घर जा चुके अध्यापकों को वापस बुलाया गया। शहरी इलाक़ों में रहने वाले बच्चों को स्कूल आने की सूचना दी गई मगर सीमांत जनपदो के बच्चे जहां नेटवर्क तक की सुविधा नही है। स्कूली बच्चे लम्बी दूरी तय कर विद्यालय पहुँचते हैं। इन तक सूचना केसे पंहुच पाएगी भला….? इससे सरकार की लापरवाही और शिक्षा तंत्र के प्रति सजगता का भी प्रमाण मिलता है। नाम न छापने की शर्त पर उत्तरकाशी के एक शिक्षक ने जानकारी दी कि भटवाड़ी ब्लॉक के सभी विद्यालय बंद रहे। जानकारी के अनुसार प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 13500 के करीब है। जबकि साड़े पाँच हजार के करीब जूनियर और माध्यमिक विद्यालयों की संख्या है। और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानो की संख्या चार हजार 25 है। शासकीय आदेश से सरकारी- गैर सरकारी विद्यालयों में प्रभावित हुए है।